दिलों को जीतने वाले, आदरणीय सर (इंजी. सुप्रभाष सक्सेना सर, डायरेक्टर - सुभाष अकादमी, सुप्रभाष अकादमी, जे. एस. इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट) की जयंती पर उन सभी को विनम्र प्रमाण जिनके दिलों में आज भी वो हैं ।
मैं शुरूआत से हि उन्हें अपना गुरु मानता था जब सुभाष अकादमी में 2006 में जियोग्राफी पढ़ाने गया था ।
हम बच्चों को पढ़ाते थे वो हमे (for me he was better Geographer than me) भूगोल और भूगोल के अलावां मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा ।
वो मेरे लिए हमेशा से एक रोल मॉडल थे । आज तक मैं ऐसे किसी व्यक्ति से नही मिला जो हर फील्ड में अपनी इतनी गहरी पकड़ रखता हो ।
उन्होंने 2007 की मेरी एक डायरी में लिखा था -
प्रयाश में निरंतरता बनी रहे तो कुछ भी संभव है । - सुप्रभाष
छिबरामऊ की याद उनके बिना अधूरी सी लगती है ।
उनकी जयंती पर, उनके सानिध्य में बिताये गये मार्गदर्शक छड़ों को कोटि कोटि नमन ।
आपके विचारों का विद्यार्थी
- अजय
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