Sunday, August 21, 2022

मेरे जीवन का 22 और तुम : मातृ स्वरूपा प्रोफेसर अजिता त्रिपाठी की स्मृतियों को सादर नमन । आज आपके स्नेह एवं वात्सल्य के बिन आज एक वर्ष बीत गये । वर्ष 2006 मे आपके द्वारा मेरे ऊपर लिखी गयी मार्मिक कविता को हमेशा मैने अपने जीवन मे आत्मसात करने की कोशिश की । जीवन मे मिले आपसे हर मोटिवेशन को शत् शत् नमन ।



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