तिलवत् स्निग्धं मनोऽस्तु वाण्यां गुडवन्माधुर्यम्।
तिलगुडलड्डुकवत् सम्बन्धेऽस्तु सुवृत्तत्त्वम् ।।
मकर संक्रांति के अवसर पर, तिल की तरह हमारा मन सभी के प्रति स्नेहपूर्ण रहे, गुड़ की भाँति हमारे शब्दों में मिठास हो, लड्डू में तिल और गुड़ की दृढ़ एकता के समान हमारे संबंध मजबूत और समृद्धि के साथ बने रहें।
इस मंगल कामना के साथ -
- डा० अजय
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